चारधाम यात्रा को लेकर गढ़वाल कमिश्नर का बड़ा संदेश, कहा- ‘अफवाह फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई’

उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों और गलत जानकारियों को बेहद गंभीरता से ले रही है. ऐसे में उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है जो या तो श्रद्धालुओं को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं या फिर पुराने वीडियो और झूठी सूचनाएं फैलाकर सोशल मीडिया पर व्यू पाने की होड़ में आस्था के इस बड़े आयोजन को बदनाम कर रहे हैं.
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अब तक चार ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, जो चारधाम यात्रा को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारियां फैला रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी सतर्कता के साथ ऐसे मामलों की निगरानी कर रही है और जो भी व्यक्ति जानबूझकर यात्रा को लेकर गलत जानकारी साझा करता पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई तय है.
यात्रा को लेकर फर्जी खबर फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई
गढ़वाल कमिश्नर ने कहा, चारधाम यात्रा केवल धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान और गौरव से जुड़ी हुई है. हम किसी को भी राज्य के गौरव से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देंगे. सोशल मीडिया पर यदि कोई व्यक्ति पुराने वीडियो को वर्तमान से जोड़कर लोगों को गुमराह कर रहा है या जानबूझकर भ्रम फैला रहा है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाना आजकल आसान हो गया है, लेकिन प्रशासन इस पर पूरी निगरानी बनाए हुए है. राज्य सरकार की विशेष आईटी सेल ऐसे कंटेंट पर नजर रख रही है और जैसे ही कोई वीडियो या पोस्ट संदेहास्पद पाया जाता है, उसकी तुरंत जांच की जाती है.
सरकार ने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के लिए टीम की तैनात
सिर्फ अफवाह फैलाने वालों पर ही नहीं, बल्कि मंदिर परिसर की गरिमा से खिलवाड़ करने वालों पर भी प्रशासन सख्त हो गया है. अब चारधाम के मंदिर परिसरों में रील्स, जैसे वीडियो बनाने पर रोक लगा दी गई है. इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. सरकार का मानना है कि मंदिर केवल पर्यटन स्थल नहीं हैं, ये आस्था का केंद्र हैं और यहां का वातावरण पवित्र बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है.
राज्य सरकार ने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष टीम तैनात की है, जो लगातार फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर नजर रख रही है. साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी क्षेत्र से भ्रम फैलाने की कोई सूचना मिलती है तो तत्काल जांच कर आवश्यक कदम उठाए जाएं.
प्रशासन ने आम जनता और श्रद्धालुओं से की अपील
प्रशासन ने आम जनता और विशेष रूप से श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की जानकारी को बिना पुष्टि किए साझा न करें. अगर किसी वीडियो या खबर पर संदेह हो तो तत्काल प्रशासन से संपर्क करें या उत्तराखंड पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या सोशल मीडिया पेज से जानकारी प्राप्त करें.
गढ़वाल आयुक्त ने संकेत दिया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और सख्ती बरती जाएगी. “जो भी चारधाम यात्रा के नाम पर गलत हरकत करता पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी उन्होंने स्पष्ट किया.
उत्तराखंड सरकार का यह रुख यह बताता है कि वह चारधाम यात्रा की गरिमा और श्रद्धालुओं की भावनाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. यह सख्ती न केवल व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि श्रद्धालुओं का विश्वास और आस्था इस पवित्र यात्रा में अडिग बनी रहे.